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ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है, इससे डायबिटीज के रोगियों को क्या फायदा है?

ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है, इससे डायबिटीज के रोगियों को क्या फायदा है?

Glycemic Index (GI) और GI foods से जुड़ी तमाम जानकारी के लिए इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें

ग्लाइसेमिक इंडेक्स स्केल पर संख्या को ऐसे समझें
दरअसल ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक प्रकार का अंक है जिसकी गणना आसानी से की जा सकती है। अगर आपको 25 ग्राम ग्लूकोज दिया जाए और कुछ समय बाद आपके रक्त में ग्लूकोज के स्‍तर की जांच की जाए। तो आपने जो खाया है और रक्‍त में मौजूद ग्‍लूकोज की मात्रा के भागफल को 100 से गुणा (मल्‍टीप्‍लाई) करने पर खाए हुए पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स आ जायेगा। यानी ग्लूकोज और खाए गये पदार्थ की वह मात्रा जिसके सेवन से रक्त में ग्लूकोज का स्तर समान रूप से बढ़ता है, इसके अनुपात को 100 से मल्टीप्लाई करने पर उस पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स प्राप्त हो जाता है। ऐसे आहार का सेवन कीजिए जिससे ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स 50 से अधिक न हो।

कम जीआई वाले फूड्स (55 से कम) शरीर में धीमी गति से अवशोषित होते हैं और पचते हैं। इनसे ना केवल ब्लड ग्लूकोज लेवल धीमी गति से बढ़ता है बल्कि इंसुलिन का लेवल भी कंट्रोल में रहता है। इससे ना केवल डायबिटीज से रोगियों को लाभ होता है बल्कि जिन्हें डायबिटीज नहीं है उन्हें भी इसके खतरे से बचने में मदद मिलती है। इसलिए डायबिटीज के रोगियों को कम जीआई (6- 69) वाले फूड्स खाने चाहिए।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स रेटिंग सिस्टम
आपको बता दें कि जीआई वैल्यू के अलावा अन्य कई ऐसे कई कारक हैं, जो कार्बोहाइड्रेट के प्रति शरीर में होने वाली प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। दरअसल उम्र, फिजिकल एक्टिविटी लेवल और मेटाबोलिज्म इसमें अहम रोल निभाते हैं कि कार्बोहाइड्रेट कैसे काम करता है। इसके अलावा, जिस तरह से कोई विशेष भोजन तैयार किया जाता है, उससे भी उसकी जीआई वैल्यू बदल सकती है।

स्टार्च का साइज- जिस चीजों में स्टार्च का साइज कम होता है उसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स उतना ही अधिक होता है। इसके अलावा कच्चे खाद्य पदार्थ जिनमें लार्ज पार्टिकल साइज़ होता है उनमें पके हुए फूड्स की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है।

बनाने का तरीका- देर तक पकने वाली चीजों में जीआई वैल्यू अधिक होती है जबकि कम समय में पकने वाली चीजों में कम।

फाइबर की मात्रा- अधिक फाइबर वाली चीजों की कम या मध्यम जीआई वैल्यू होती है और इसलिए इन चीजों को डायबिटीज के मरीजों को खाने की सलाह दी जाती है।

आपको बता दें कि फूड्स की जीआई वैल्यू डायट पर अधिक कंट्रोल करने में सहायक है। ऐसे लोग जो डायबिटीज से पीड़ित नहीं है उन्हें भी हाई और लो ब्लड शुगर लेवल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए हर किसी को अपने खाद्य पदार्थों की पोषण सामग्री की जानकारी होनी चाहिए।

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अनुवादक – Usman Khan

चित्र स्रोत – Shutterstock

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