Header Ads

रैप म्यूजिक सुनने से टीनएजर्स में बढ़ रही है सेक्स के प्रति रूचि!

रैप म्यूजिक सुनने से टीनएजर्स में बढ़ रही है सेक्स के प्रति रूचि!

सेक्स के बारे में क्या सोचते हैं teenagers!

आजकल ज्यादातर टीनएजर्स यानि किशोर-किशोरियाँ सेक्स का सुख स्कूल लाइफ में ही उठाने लगे हैं। हाल ही की एक सर्वेक्षण से ये पता लगाया गया है कि हीप हॉप या रैप म्यूजिक के गानों में जो यौन संदेश होते है उसके प्रभाव से उनमें सेक्स के प्रति ललक बढ़ जाती है। इसके लिए ज़रूरी है अभिभावक इस संदर्भ में अपना कदम उठायें और अपने बच्चों के साथ खुल कर दोस्ताना व्यवहार के साथ बात करें जिससे कि उनके सारे उलझन साफ हो जायें और वे बेहतर जिंदगी के तरफ कदम बढ़ा सके।

शोधकर्ताओं ने चेताया है कि बार-बार रैप म्यूजिक सुनने वाले किशोर-किशोरियां जल्दी सेक्स की शुरुआत कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि दूसरी तरह के संगीत की अपेक्षा रैप म्यूजिक में स्पष्ट यौन संदेश ज्यादा होते हैं। अमेरिका के ह्यूस्टन राज्य में स्थित टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, मध्य विद्यालय के जो किशोर-किशोरी तीन घंटे या उससे अधिक देर तक रोजाना रैप संगीत का आनंद उठाते हैं, वे नौवीं कक्षा से ही सेक्स करने लगते हैं और समझते हैं कि उनके संगी-साथी भी ऐसा कर रहे हैं।

शोध प्रमुख और यूटीहेल्थस स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के संकाय सहयोगी किमबर्ले जोनसन बेकर का कहना है, ‘रैप संगीत आपके उस विश्वास को बढ़ाता है कि आपके साथी क्या कर रहे हैं। यह हमें समझाता है कि कुछ चीजें करना ठीक है, जैसे शराब पीना या सेक्स करना। यह आपको यह सोच देता है कि हर कोई यही कर रहा है।’

जोनस बेकर कहते हैं कि जितना आप इसे सुनते हैं, उतना आप इस पर यकीन करते हैं। सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक, जो किशोर-किशोरी रोजाना तीन घंटों या उससे ज्यादा समय तक संगीत सुनते हैं, वे दो सालों बाद 2.6 गुना ज्यादा सेक्स करते हैं।

जोनसर बेकर कहते हैं कि जब किशोरावस्था में कोई रैप गाने में सेक्स की बातें सुनता है तो वह अपने दोस्तों से ताकीद करता है कि उसके आसपास लोग ऐसा ही व्यवहार कर रहे हैं या नहीं। अगर उसके दोस्त इसकी पुष्टि करते हैं तो फिर उनका यौन जीवन शुरू हो जाता है। लेकिन अगर दोस्त कहता है कि ऐसा नहीं होता है तो वे आश्वस्त हो जाते हैं कि ऐसा कुछ नहीं होता।

शोधकर्ताओं ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करें। खासतौर पर रैप गानों और उनके बोल के बारे में अवश्य बातचीत करें और उनमें यौन व्यवहार और डेटिग के बारे में उनकी समझ स्पष्ट करें। वहीं, जोनसन बेकर अब 5वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के यौन व्यवहार पर अपना अगला अध्ययन कर रहे हैं।

इस सर्वेक्षण से यही बात स्पष्ट हो रही है इस मामले में माता-पिता को अपने बच्चों के साथ समय बिताना पड़ेगा और उनके साथ दोस्ताना व्यवहार करते हुए उनके स्वस्थ जिंदगी के तरफ ले जायें।

चित्र स्रोत: Shutterstock

Disclaimer: TheHealthSite.com does not guarantee any specific results as a result of the procedures mentioned here and the results may vary from person to person. The topics in these pages including text, graphics, videos and other material contained on this website are for informational purposes only and not to be substituted for professional medical advice.

Previous Article

क्या खाना खाने के बाद या खाते वक्त चाय पीना सही है?

Next Article

जानिये वाटर रिटेंशन से बचाने में कैसे मददगार है जौ

Powered by Blogger.